PLEASE SAVE THE GIRL |
अन्जन्मी पुत्री
अन्जन्मी पुत्री एक माँ को पत्र लिख रही है
घुट- घुट के कैसे आशुऔ को पी रही है
दर्द भरे शब्दों में माँ से कुछ कह रही है
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माँ एक बार हमे भी जीवन दे दो
दुनिया देखने का मन कर रहा है
ऐसा कह रही है ,ऐसा कहते हुए
कैसे आशुऔ को पी रही है
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माँ एक बार दुनिया दिखा दो माँ
मै आपको कभी दुःख नहीं दूंगी
मत लाना मेरे लिए कपडे माँ
मै भैया के उतरन ही पहेन लुंगी
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पर एक बार जन्म दे दो माँ
मै आपकी दुनिया बदल दूंगी माँ
कुछ ऐसे ही रो -रो कर माँ से कह रही है
मत लाना मेरे लिए गहने माँ
मै खुद को फूल पत्तियों से सजा लुंगी
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पर एक बार दुनिया दिखा दो माँ
मै आपका हर एक काम कर लुंगी
मत पढ़ना हमे किसी अछे स्कूल में माँ
मै भैया से घर पर ही पढ़ लुंगी
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पर एक बार जन्म दे दो माँ
मै इस जमाने को बदल दूंगी
मत खिलाना हमे औरों जैसा खाना माँ
मै घर में बचा -खुचा खाना ही खा लुंगी
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पर एक बार जन्म दे दो माँ
मै आपका हर एक दर्द बात लुंगी
क्या भूल गयी ये बात माँ
की आप भी किसी की बेटी हैं
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फिर क्यों आज एक बेटी को
जन्म देने से डर रही हो माँ
एक बार जन्म दे दो माँ
मै आपको कभी नहीं रोने दूंगी माँ
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एक बार दुनिया दिखा दो माँ
एक बार जन्म दे दो माँ
मेरी प्यारी भोली माँ
आपकी अन्जन्मी पुत्री माँ
धन्यवाद माँ
1 टिप्पणियाँ
Very nice poem i like it
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