हैवानियत का झलसा#hindi poerty & sad emotions|
तरीख कोई पच्चीस थीहम भी रंजिस में थेजो उठ रही थी उँगलियाँउस पर कोई खून है ,
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जब उठ रही थी उँगलियाँतो ये उंगली भी थी वंहाअब क्यों पड़ी है खून मेंजिस्म इसका है कंहामर गया की था ही ना ..?
|sad line |
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कौन थे वो लोग जिनकेमुँह में थी गलियांकोई अफसर था क्या ..?या न्याधीश आये थे क्या ..?कौन किया था वकालतफैसला किसने दिया ..?या कोई धरमात्मा थाधर्म का उद्देश्य क्या था ...!
|sad emotions |
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न पुलिश न कोई अवताररक्षक हूँ खुद की एक मै एकलौती तलवारमेरे सीधे प्रश्न हैं सीधे उत्तर दो मुझेजो घायल हैं मन से वो लोग आखिर कौन थे ..?
|| atitude quotes||
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मै तो एक लड़की हूँ साहेब मै हूँ क्यूँ बीच मेंमै बचाने भी गयी थी तीन पड़ गए खीच करमोटर साइकिल लाये थे रोड पर कर दी खड़ी...!!
|sad emotions by a girl |
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गाली देकर नाम पूछा जाने उसकी क्या पड़ीएक ने तो लड़की की चुनरी गले से खीच लीआखिरी था वार जिसका उनका वो सरदार थाहक नही था उनका ये वो बहुत गद्दार था
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लडकियों की सोच परऐसे लड़कों को न रक्खो जो जूतियों की नोक परसर पर ये चढ़ जायेंगे ,कई गुना ये बढ़ जाएंगेंहुक्मरा होगा इन्ही का आग मूतेंगें सभीपैर के नीचे कुचल दो जीत होगी धर्म की |
|positive atitude by girls|
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हम तो खुद डर गए थे साहेब खौफ उनको था नहीकिस नसल के लोग थे वो समझ कुछ आया नहीन कोई इंसान उसमे न ही कोई आदमीकुछ ही देर में शेर बन गए गिद्दों की भीड़ थीनोच खाने की तलब थी जानवर जमीर थी...!!
|sad lines|
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ये कोई बार नही है वास्तविक कानून हैहमसे क्यूँ पूछते हो क्या यंहा घटना घटीजुर्म इसने क्या किया था ,इज्जत इसकी क्यूँ लुटी ..?मैंने सोचा मर चुकी है लड़की में पर जान थीउसकी इज्जत क्यूँ लुटी जो देश का सम्मान थी ...!
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वो बोली अब क्या चाहिए इज्जत थी दे तो दियाजी रहे थे कैद में मौत दे दी सुक्रियामन में उलझन बहुत है थम से गए हैं हम भीआप ही तो हो अदालत आप ही कानून भी |
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अरे आपसे कैसी सिकायत आप तो हैं नींद मेंआप जैसे सौ खड़े थे जाहिलों की भीड़ मेंसौ में से अगर एक भी अगर दे दे गवाही आपकोमै भी ख़ुशी से मान लूगीं भीड़ के इंसाफ को....2
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कीजिये इसपर बहेश अब घरों में दुबक करकंहा हैं लड़के तुम्हारे, है कंहा इंशानियत ..!सब बराबर हैं अगर तो उसे ही क्यूँ चुना...?
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तुम बताओ कौन देगा इनको कोई गलियांअसलियत से बेखबर हो शहरी हो दिल्ली से होएक हिदायत दे रही हूँ सोचकर बोला करोतुम सवालों से भरे हो क्या तुम्हे मालूम है ..?
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लोगों से कुछ पूछना भी जान लेवा जुर्म हैतशरीफ़ रखने आये हो खुलकर कर लो शौख सेफर्क पड़ता ही कंहा है एक दो की मौत सेचार दिन चर्चा उठेगी दुःख भी कुछ जताएंगेपाचवे दिन भूलकर सब काम पर लग जायेंगें ...!!
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|very sad emotions|
काम से ही काम रखना हाँ मगर ये याद रखनाकोई पूछे कौन थी बस तुम्हे इतना है कहनाइनसे से ही थी कोई ,फिर भी कोई जिद पकड़ लेक्या हुआ किसने किया ,सोच कर उंगली उठानाधर्म न कोई जात उनकी भीड़ थे कुछ लोग थे.
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