shayri (quotes in hindi )
पकड़ा था मैंने जिन हाथों को
वो केवेल दस्ताने निकले
और पीछे मुड़कर देखा तो उसमे
मेरे ही यार पुराने निकले
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वफा के नाम पर जो चिल्लाने निकले
करीब जाकर देखा तो वही
एक बेवफा के दीवाने निकले
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करते थे जो सौ टके की एक बाते
आज एक गली से निकली तो पता चला
उनके ही कई कारनामे निकले
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और जो उड़ाते थे मजाक दूसरे के बच्चों का
आज खुद के बच्चों की लापता
खबर पाकर उन्हें ढूढने निकले
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लोग हमारे लिए कई इल्जाम ढूढने निकले
और जब पीछे देखा तो वो
खुद को ही सरेआम करने निकले
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साथ चलने वाले लहजे में सिमट कर रह गये
और साथ रहकर जो करते हैं बड़ी- बड़ी बाते
वो हमारे पीठ पीछे मुकर गये
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भरोशा मत करना तुम किसी से इस जमाने में ,
करना है तो खुद पर करो कुछ कर दिखाने में
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अपने लिए तो अपना नाम ही काफी है ,
जिनके लिए हमेशा अच्छा किया वो भी मुकर गये
सँभलने के लिए इतना ही काफी है |
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पास रहकर जो दूरी का अहसास करा दे,
मेरे लाख समझाने पे भी वो मेरा नाम बता दे
ऐसे रिश्तों का तो बस इल्जाम ही काफी है|
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मेरे दूर रहकर जो खाश बता दे,
मेरे रोने से पहले ही मुझे हँसा दे
ऐसे रिश्तों का तो बस अहसास ही काफी है |
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